Mamta tiwari

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कुसंग से भले अपने राह




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*कुसंग से भले अपने राह*
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 प्रथम रश्मि उषा साथ मिल
पाहन पड़ते लगे कंचन 
सही संगत सुमन मन्दिर 
कुसंग कंटक भरे राह*********

वल्लरी मृदु पल्लवों की
कटीली लताये लगे
कुसंग नव पात चुभे 
कराह समूचे  राह राह*******

आक्रांत हो कुसंग सुध
मधु धारा विष से लगे
विश्रांति यदि क्लांत लाये
चरैवेति राह राह राह********

पीड़ा लगे मौन भी जब
आवाज शूल से चुभे
संग छोड़  सुप्त गुफा में
आह! राह राह राह राह********

अनुराग भस्म डाह अनल
विप्लव लगे सरस हिलोर
संगति वेदना मार्ग से
चाह राह राह राह राह राह*******

ममता की कलम से✍️

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13 Comments

Chetna swrnkar

27-Aug-2022 08:33 PM

Nice

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Seema Priyadarshini sahay

27-Aug-2022 03:31 PM

बहुत खूबसूरत

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